Sunday, September 19, 2010

TUM...........

तुम मौसम मौसम लगते हो,
जो पल पल रंग बदलते हो,
तुम सावन सावन लगते हो,
जो बरसो बाद बरसते हो,
तुम सपना सपना लगेत हो,
जो मुझको कम कम देखते हो,
तुम पल पल मुझसे लड़ते हो पर फिर भी अच्छे लगते हो,
बात तोह है शर्मीली सी, पर कहने को दिल चाहता है,
लो अज तुम्हे ये कह डाला,
तुम अपने अपने से लगते हो...

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