Sunday, September 19, 2010

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मैं वोह खुशबू हूँ जिसे जानके भी न जान पाओगे,
मैं वोह हवा हूँ जिससे छुकर भी बस महसूस कर पाओगे,
कोशिश मत करना मुझे मुझे पाने की,
मैं नदी नहीं समंदर हूँ, मुझे पाने की चाहत मैं शायद तुम मुझमे ही डूब जाओगे

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